अच्छी किस्म, सही तैयारी और समय पर देखभाल से लहराएगी आम की फसल
पौधों की नियमित देखभाल भी जरूरी है। विशेष रूप से युवा पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। समय-समय पर खाद और उर्वरकों का प्रयोग करने के साथ-साथ खेत से खरपतवार हटाना तथा कीटों और बीमारियों से पौधों की सुरक्षा करना भी जरूरी है।
पौधों को उचित आकार देने के लिए पूनिंग की जानी चाहिए। जब आम पूरी तरह पक जाएं, तब उनकी कटाई कर उचित तरीके से उनका भंडारण करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि आम की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली भूमि और 5.5 से 7.5 पीएच मान वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। वर्गाकार पद्धति से आम के पौधे लगाए जा सकते हैं।
पौधों के बीच की दूरी किस्म के अनुसार 10 से 12 मीटर या 2.5 मीटर तक रखनी चाहिए। फूल आने के समय बारिश होने पर फसल पर विपरीत असर पड़ सकता है, इसलिए उस दौरान सिंचाई से बचना चाहिए। तेज हवा या आंधी से आम की फसल को नुकसान हो सकता है, इसलिए सुरक्षा के उपाय पहले से ही करने चाहिए।
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