हमारे राजाओं के कार्य इतने महान है कि उन कार्यो को मिटाने में वे ख़ुद ही मिट जायेंगे -बलराम मौर्य
- आन, बान, मान, शान और भारत के स्वाभिमान के प्रतीक थे सम्राट अशोक महान -बासुदेव मौर्य
- सम्राट अशोक ने मानवता के साथ सत्य और अहिंसा का संदेश दिया- हृदयराम मौर्य
- धूम धाम से मनाई गई सम्राट अशोक महान की जयंती.
बलराम मौर्य
अयोध्या। चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जयंती को बड़े ही धूमधाम से मौर्या टेन्ट हाउस कादीपुर चौराहा मलिकपुर अयोध्या में मनाया गया।
सम्राट अशोक महान की जयंती का आयोजन जगेश्वर मौर्य एवं समस्त मौर्य बंधुओं द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि वासुदेव मौर्य सदस्य राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने दीप प्रज्वालित कर पुष्प अर्पण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
जयंती समारोह में उपस्थित सभी लोगों द्वारा अशोक महान के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। साथ में सभी लोगों ने मौर्य वंश के सिरमोर चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक मौर्य के साथ मौर्य कुल में जन्मे सभी पूर्वजो के जोरदार जयकारे के साथ जयंती की शुरुआत की गयी
जयंती समारोह में उपस्थित जन समूह को समूह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बासुदेव मौर्य सदस्य राज्य पिछडा आयोग ने कहा कि इतिहास में अशोक महान जैसा कोई दूसरा राजा महान नहीं हुआ है लेकिन हमारे पूर्वजों का नाम ऊँचा न हो इसके लिए षड्यंत्र के तहत इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया।
आन, बान, मान, शान और भारत के स्वाभिमान के प्रतीक थे सम्राट अशोक महान जिन्होंने पूरे विश्व में मानवता का संदेश देने के लिए और बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए अपने पुत्र और पुत्री को भेज दिया हो वैसा महान कार्य किसी राजा ने नहीं किया।
विशिष्ट अतिथि बलराम मौर्य पूर्व सदस्य राज्य पिछड़ा आयोग ने कहा कि आज भी हमारे पूर्वजों के चिन्हों को मिटाने के लिए लोग लगे हुए है।लेकिन हमारे राजाओं द्वारा किये गए कार्य इतने महान है कि उन कार्यो को मिटाने में वे ख़ुद ही मिट जायेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता हृदय राम मौर्य ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट, महाराज की पदवी, इतिहास में नाम करने वाले प्रथम राजा थे अशोक महान।लोगो को संदेश देना चाहिए जिससे मानवता का विकास हो, सत्य अहिंसा का संदेश देते है।पाखंडबाद का विरोध हो और बौद्ध धर्म की शुरुआत पहले अपने घर से शुरू करे। जैसे कि सम्राट अशोक ने ख़ुद अपने ही पुत्र और पुत्री को श्री लंका भेजा था। मौर्य समाज की पहचान बुद्धमय होना है।
बुद्ध के इस मार्ग पर चलना बहुत आसान नही है। हमारे बंश और समाज में बहुत से महापुरुष पैदा हुए है। जिनको हम सम्मान दे और उनके बारे में लोगों को बताये।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि बलराम मौर्य पूर्व सदस्य राज्य पिछड़ा आयोग, मुख्य अतिथि बासु देव मौर्य सदस्य राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, बलराम मौर्य, तिलक राम मौर्य, राधिका प्रसाद मौर्य, छठ्ठीराम मौर्य, हृदय राम मौर्य, संग्राम सिंह मौर्य, सुधांशु शेखर मौर्य, संदीप मौर्य, सुग्रीव मौर्य , रितेश मौर्य सहित सैकड़ो मौर्य समाज के लोग जयन्ती समारोह में उपस्थित रहे।
जयंती कार्य क्रम का संचालन अंशू गौर्य ने किया। तथा जयन्ती समारोह में उपस्थित सभी लोगों को आयोजक जगेश्वर मौर्य ने सभी धन्यवाद ज्ञापित किया।
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