हजरतगंज में अवैध पटरी दुकानों का खेल: जुर्माना नहीं, कार्रवाई शून्य!
शिवांश पाण्डेय
लखनऊ। हजरतगंज क्षेत्र में नगर निगम की लचर कार्रवाई और मिलीभगत से अवैध पटरी दुकानदारों का साम्राज्य दिनों-दिन फल-फूल रहा है। जोन-1 के अधिकारी राजेश कुमार और कर अधीक्षक ओम प्रकाश की शह पर यह पूरा खेल खुलेआम चल रहा है, जिसमें जब्त सामान बिना किसी जुर्माने और वैधानिक प्रक्रिया के वापस कर दिया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, फॉर्च्यून होटल चौराहा और यूपी टेक के पास लगने वाली अवैध फूड वैन को बिना चालान के छोड़ दिया गया। वहीं, हजरतगंज चौराहे पर बिना रजिस्ट्रेशन और अनुमति के चल रही भांग की दुकान को भी प्रशासन की आंखों के सामने संरक्षण प्राप्त है।
सबसे चौंकाने वाला मामला हिंदी संस्थान, डीएम आवास और सरोजिनी नायडू पार्क के पास की तीन अवैध चाय दुकानों का है, जहां से प्रतिमाह हजारों रुपये की वसूली हो रही है, पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
इसके अलावा, हजरतगंज पेट्रोल पंप और इलाहाबाद बैंक के सामने जमे पान और चाय के ठेले भी किसी राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण के चलते ‘अंगद के पांव’ की तरह स्थिर हैं।
स्थानीय दुकानदारों का आरोप है कि दुकान की चौहद्दी के अनुसार अवैध वसूली होती है और जो विरोध करता है, उसी पर कार्रवाई की जाती है।
प्रशासन की चुप्पी और पक्षपातपूर्ण रवैये ने सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या वाकई अतिक्रमण हटाने की मुहिम निष्पक्ष है, या फिर यह महज दिखावा बनकर रह गई है?
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