चारों ओर से बस वन्स मोर की ही आवाज आ रही!
- मिसेज़ उत्तर प्रदेश क्वीन ऑफ वर्चू के ग्रैंड फिनाले
- वाराणसी की प्रतिमा मिश्रा ने जीता मिसेज उत्तर प्रदेश क्वीन ऑफ वर्चू का ताज..
लखनऊ। खूबसूरती, अदा और हुनर को मिलाकर बनता है मिसेज़ उत्तर प्रदेश क्वीन ऑफ वर्चू का रैंप, जहां पर कैटवॉक कोई बड़ी-बड़ी मॉडल्स नहीं बल्कि घरेलू महिलाएं इनके कैटवॉक और फैशन के जलवे के आगे बड़े-बड़े मॉडल्स भी फेल हैं,यही वजह है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के होटल सेंट्रम में आयोजित मिसेज़ उत्तर प्रदेश क्वीन ऑफ वर्चू के ग्रैंड फिनाले में जब यह महिलाएं तेज म्यूजिक की धुन रैंप पर जैसे ही उतरी चारों ओर तालियां गूंजने लगी ।
यही नहीं हर कोई इनकी खूबसूरत अदाओं को देखकर फिदा हो गया। घरेलू महिलाओं के कैटवॉक के लिए चारों ओर से बस वन्स मोर की ही आवाज आ रही थी।
इस ब्यूटी प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 150 महिलाओं ने ऑडिशन राउंड में भाग लिया, जिसमें से 20 महिलाएं सेमीफाइनल राउंड के लिए चुनी गई और ग्रैंड फिनाले में 10 को स्थान मिला।
समारोह की मुख्य अतिथि आईएएस अधिकारी ऋतु सुहास और महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव थीं जबकि विशिष्ट अतिथि रिया सिंघा जो 2024 में मिस यूनिवर्स इंडिया चुनी गईथीं।
मिसेज उत्तर प्रदेश की निदेशक और क्वीनीफाइड इंक की फाउंडर प्रीति यादव ने बताया कि संस्था ने बीते कई वर्षों में हजारों महिलाओं का रैंप पर आने का सपना साकार किया है।
हम जो घरेलू महिलाएं हैं या हाउसवाइफ हैं उनमें आत्मविश्वास पैदा करते हैं उन्हें मंच देते हैं और एक सुनहरा भविष्य देते हैं।
यह मंच सिर्फ उत्तर प्रदेश की महिलाओं के लिए है,इसमें चुने जाने वाली महिलाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली ब्यूटी कंपटीशन में भाग लेती हैं। उन्होंने बताया कि ५ साल से यह प्रतियोगिता लगातार हो रही है।
इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने आईं मुख्य अतिथि आईएएस अधिकारी ऋतु सुहास ने कहा कि यह जो मंच है शादीशुदा महिलाओं के लिए है, जिनको अपने सपनों को पंख लगाने का मौका मिलता है और उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है। ऐसी महिलाएं अपनी जिंदगी को एक नए सिरे से जी पाती है।
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