उम्र भर याद रखेगा सबक ऐसा सिखायेंगे!
लखनऊ। राष्ट्रीय कवि संगम अवध प्रांत लखनऊ के तत्वावधान में निराला नगर स्थित सरस्वती कुंज के सभागार में "आप्रेशन सिन्दूर" पर एक वृहद काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ सहित समीपवर्ती जनपदों से आये लब्ध प्रतिष्ठ रचनाकारों ने सेना के शौर्य व पराक्रम पर अपनी रचनाओं के माध्यम से भरी हूँकार। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कवि संगम के संस्थापक जगदीश मित्तल परमार्थी एवं विशिष्ट डा० अमिय अग्रवाल अधीक्षक ट्रामा सेंटर केजीएमयू व उत्तर प्रदेश सरकार के स्थाई अधिवक्ता विक्रम सोनी रहे।
इस अवसर पर संस्था के पूर्वी उ० प्र०, अवध एवं काशी प्रांत के प्रतिनिधियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य भूषण कमलेश मौर्य 'मृदु' ने किया। क्षेत्रीय अध्यक्ष शिवकुमार व्यास ने अतिथियों का परिचय कराया उत्कृष्ट संचालन। अशोक अग्निपथी ने किया। कमलेश मौर्य मृदु ने अपने अध्यक्षीय काव्यपाठ में आपरेशन सिन्दूर को रेखांकित करते हुए कहा-
- हम भारतीय हैं अहिंसा के पुजारी किंतु हिंसकों के लिए है हिंसा जरुरी हो गई।
- जिन्होंने थी धर्म पूछ-पूछ कर गोली मारी उन्हें मारना हमारी मज़बूरी हो गई।
- छब्बीस के बदले में तीन गुने से अधिक मार बदले की है प्रतिज्ञा पूरी है गई।
- बहनों के सिंदूर जिन्होंने थे छीने उन जेहादियों के लहू से धरा सिंदूरी हो गई।।
विशिष्ट अतिथि डा अमिय अग्रवाल ने प्रखर ओजस्वी काव्य पाठ कर सभीको मंत्रमुग्ध कर दिया।
संस्था के जिला महामंत्री डा राघवेंद्र मिश्र प्रणय ने ललकारते हुए कहा-
- शत्रु पाक को दे दिया प्रत्युत्तर भरपूर।
- सफल आपरेशन हुआ सेना का सिंदूर।।
- युवा कवि कुलदीप शुक्ल अंतस ने कहा
- पाक के मंसूबे किये सारे चकनाचूर।
- भारत ने भर दिया है बारूदी सिन्दूर।।
शाहजहांपुर से पधारे विजय तन्हा ने आतंकियों को खूब खरी-खोटी सुनाई-
- धर्म को पूंछ कर मारा धर्म अब हम बतायेंगे।
- उम्र भर याद रखेगा सबक ऐसा सिखायेंगे।।
श्रीमती अनीता मौर्या नवजात ने पाक को चेतावनी देते हुए कहा
- मानचित्र से नाम मिटा दुनिया से दूरी कर देंगे।
- आतंकियों का शीष काट धरती सिंदूरी कर देंगे।।
- सतियों के प्रताप वाला दस्तूर हमारे भारत का।
- गरज रहा है बम बनकर सिंदूर हमारे भारत का।।
- नापाक इरादे ध्वस्त किये हर ख्वाहिश कर दी पूरी है।
- मज़हब पूछके मारने वालों यह बदला सिंदूरी है।।
इसके अतिरिक्त कवि संगम के अवधप्रांत अध्यक्ष अजय प्रधान,वरिष्ठ व्यंग्यकार श्यामल मजुमदार, हास्य कवि प्रदीप महाजन, डा सुभाषचन्द्र गुरुदेव, राजीव वर्मा वत्सल,अर्श लखनवी, विपुल कुमार मिश्र, तमाचा लखनवी, चेतराम अज्ञानी, डा प्रवीण श्रिवास्तव प्रेम,आयुष यादव, डा छाया त्यागी, सतीश पाखंडी, डा लक्ष्मी रस्तोगी , कनक वर्मा, शिखा सिंह प्रज्ञा, सरिता वर्मा तरंगिणी, सूर्यांशु सूर्य, रामराज भारती, प्रभाकर शुक्ल, जितेंद्र मिश्र भास्वर, अवधी हरि, महेश चंद्र गुप्ता, डा अल्का आस्थाना, साहब नारायण, अटल नारायण अटल, शशि नारायण त्रिपाठी, डा अंबरीष अंबर, ओ पी वर्मा ओम, अविरल शुक्ला, ख्याति शिल्पी मौर्या, आशुतोष तिवारी, मनीष पांडे, संदीप अनुरागी, अतुल बाजपेई प्रियदर्शी, डा गौरीशंकर वैश्य विनम्र, मांनसिंह, शुभम आदि ने काव्यपाठ कर कवि गोष्ठी को गरिमा प्रदान की। अतिथियों को अंगवस्त्र स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर तथा माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।
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