..जो हमें सम्मान देगा हम उसके साथ है -संदीप मौर्य

आज थोड़ा सा आप भी जान लीजिए जो लोग मेरा विरोध कर रहे हैं..

मैं 2017 से जन अधिकार पार्टी में जनपद जिला अध्यक्ष का युवा प्रकोष्ठ का जिला अध्यक्ष बनाया क्या उसके बाद 2018 में मुझे किसान मोर्चा का जिला अध्यक्ष बना दिया गया पार्टी के गतिविधियों को ध्यान में देते हुए मैं पार्टी को हमेशा आगे बढ़ने का प्रयास करता रहा

पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को संगठन में जोड़कर संगठन को मजबूत करने का काम किया जिला अस्तर से रहकर विधानसभा स्तर तक हमने संगठन को मजबूत करने का काम किया हमारे रेख देख में जिला मिर्जापुर में पांचो विधानसभा में महीने वॉल पेंटिंग का काम कराया साथ ही साथ पार्टी को बड़े ऊंचाइयों पहले जाने का काम किया काम करते-करते लगभग कई वर्ष बीत गए जब 2022 का चुनाव हुआ तो मेरे साथ राजनीतिक षड्यंत्र के तहत मुझे गिरफ्तार कर लिया गया फिर किसी तरीके से हमने अधिवक्ताओं की मदद से मैं पुलिस के कस्टडी से बाहर निकाल फिर मैं अपने पार्टी के पार्टी कार्यालय में फोन किया और सारी समस्याओं को बता लेकिन पार्टी ने मेरी कोई मदद नहीं की फिर भी मुझे यह समझाया गया की पार्टी अभी सत्ता में नहीं है अभी आप कार्यकर्ताओं को झेलना पड़ेगा

मैं पार्टी में काम करता रहा 2024 में जब जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी के सिंबल पर जौनपुर से चुनाव लड़ा तो मैं वहां पर प्रचार करने के लिए हर संभव प्रयास किया और जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को समाजवादी पार्टी के सिंबल के पर  चुनाव मेहनतकश से सभी कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव  बाबू सिंह कुशवाहा जी ने चुनाव जीत लिया

उसके बाद मैं पार्टी को इसलिए छोड़ दिया अभी आपको समझना होगा

मैं पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहा लेकिन एक दिन प्रशासन सहायता के लिए मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करने का प्रयास किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात पार्टी कार्यालय के लोगों ने नहीं कराया

तो वह मिर्जापुर जनपद में कार्यक्रम के दौरान आए हुए थे और मैं उनसे अपनी बात कही तो उन्होंने कहा चलो देखा जाएगा जो आदमी अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान कभी करता ही नहीं था वह सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं की एनर्जी को इस्तेमाल करना चाहता था मुझे यह बात समझ में आ गई

और मैं पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया

और आज भी मैं समझ में सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने समाज को भागीदारी दिलाने की लड़ाई लड़ रहा हूं क्योंकि मुझे अपने विचारधारा के साथ जुड़ना अच्छा लगता है उसे समय बाबू कुशवाहा के विचारधारा काफी हद तक मुझसे मिलती-जुलती थी इसलिए मैंने उसकी पार्टी को ज्वाइन किया था आज वह विचारधारा कहीं ना कहीं लुप्त हो गई है खत्म हो चुकी है इसलिए मैंने उनकी पार्टी को छोड़ना उचित समझा

बाकी आप क्या सोचते हैं आप समझी जो 2017 से लेकर 2024 तक पार्टी के लिए काम किया हो जिला स्तर से लेकर गांव स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का काम किया हो

जब उसे ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नहीं पहचाना तो फिर आपकी क्या हैसियत है

मैं समाज की कई मुद्दों को लेकर बाबू सिंह कुशवाहा को अगर करने का काम किया लेकिन बाबू सिंह कुशवाहा ने कभी सामाजिक मुद्दों पर चर्चा नहीं की उसका खुद गवाही हूं बाकी आपकी क्या मर्जी है आप क्या करना चाहते हैं मैं आप पर छोड़ता हूं

मैं 2019 में किसान आंदोलन के साथ जुड़ा और वहां से मैं आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक विचारधारा को अच्छे से समझा उसके बाद मेरी मुलाकात राकेश टिकट जी से भी कई बार हुई और उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला तमाम राजनीतिक लोगों को मैंने अपने जीवन में देखा उनसे मैं मिला हूं व्यक्तिगत रूप से वार्ता किया हूं और उन्होंने मुझे पूरा समय दिया है लेकिन एक ऐसे व्यक्ति में मिला हूं जीवन में जिसकी पार्टी के लिए मैंने कई साल तक काम किया लेकिन उसने कभी भी मुझे अपना 10 मिनट का समय या पार्टी की किसी भी कार्यकर्ता को मेरे समझ से उन्होंने कभी नहीं दिया

और जो नेता अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं करता जो नेता अपने कार्यकर्ताओं का दुख सुख नहीं जानता उसे पार्टी में काम नहीं करना चाहिए यह हमारे महापुरुषों का इतिहास रहा है जो हमें सम्मान देगा हम उसके साथ है

सबूत के तौर पर कई फोटो में पोस्ट कर रहा हूं

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