कर्मचारियों के हितों की रक्षा सर्वोपरि है!

जीपीएफ कटौती में अनियमितता को लेकर जलकल विभाग में मंथन, महाप्रबंधक ने लेखाकारों को एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने के दिए निर्देश

शिवांश पाण्डेय

लखनऊ : जलकल विभाग लखनऊ में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की जीपीएफ कटौती और वास्तविक जमा राशि में भिन्नता पाए जाने के बाद बुधवार को महाप्रबंधक कार्यालय में एक उच्चस्तरीय आपात बैठक आहूत की गई। बैठक में महाप्रबंधक, अधिशासी अभियंता, वित्त अधिकारी, लेखाधिकारी सहित सभी जोनों के लेखाकार उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान यह खुलासा हुआ कि आउटसोर्सिंग कर्मियों की मासिक जीपीएफ कटौती और फर्म द्वारा जमा की गई राशि में असमानता है। इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए महाप्रबंधक महोदय ने समस्त जोनों के लेखाकारों को निर्देशित किया कि वे एक सप्ताह के भीतर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समुचित जानकारी सहित विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही संबंधित फर्म को भी नोटिस जारी कर भिन्नता का कारण स्पष्ट करने को कहा गया है।

संगठन की ओर से अध्यक्ष नितिन त्रिवेदी के नेतृत्व में आकाश कुमार गुप्ता, रुदल राजभर, ऋषि कुमार एवं मनोज नायक सहित कई पदाधिकारी बैठक में उपस्थित रहे। संगठन ने इस विषय को कर्मचारियों के हितों से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कड़े कदम उठाने की मांग की।

महाप्रबंधक महोदय ने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों के हितों की रक्षा सर्वोपरि है और इस विषय में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगामी सप्ताह इस विषय पर पुनः समीक्षा बैठक संगठन पदाधिकारियों के साथ की जाएगी

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