एक सवाल खुद से पूछिए!
कहानी जो आपकी सोच की धार तेज कर देगी...
एक समय की बात है, एक बहुत ही ताकतवर लकड़हारा एक लकड़ी के व्यापारी के यहां नौकरी पर रखा गया। काम का माहौल अच्छा था, वेतन भी संतोषजनक था, तो लकड़हारे ने ठान लिया कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देगा।
मालिक ने उसे एक तेज कुल्हाड़ी दी और जंगल का वह हिस्सा दिखाया जहाँ उसे पेड़ काटने थे।
पहले ही दिन लकड़हारे ने जोरदार मेहनत की और 18 पेड़ काट डाले। मालिक बहुत खुश हुआ और उसे शाबाशी दी।
शाबाशी से प्रेरित होकर लकड़हारा अगले दिन और ज्यादा जोश के साथ मैदान में उतर पड़ा। लेकिन उस दिन वह केवल 15 पेड़ ही काट पाया।
उसे थोड़ा अजीब लगा, फिर सोचा, कोई बात नहीं, कल और मेहनत करूँगा।
तीसरे दिन उसने और भी ज्यादा ताकत लगाई, लेकिन वह हैरान रह गया – अब की बार सिर्फ 10 पेड़ ही काट पाया।
दिन-ब-दिन गिनती घटती जा रही थी।
उसने सोचा, शायद उसकी ताकत कम हो रही है।
हताश होकर वह मालिक के पास गया और बोला:
"मालिक, मैं रोज़ पहले से ज्यादा मेहनत करता हूँ, फिर भी पेड़ कम कट रहे हैं। शायद मुझसे अब काम नहीं होगा..."
मालिक मुस्कराया और पूछा:
"एक बात बताओ, तुमने आखिरी बार अपनी कुल्हाड़ी को धार कब दी थी?"
लकड़हारा बोला:
"धार? मालिक, मेरे पास तो समय ही नहीं होता! मैं तो सारा वक्त पेड़ काटने में लगा देता हूँ!"
मालिक गंभीरता से बोला:
"यही तो तुम्हारी सबसे बड़ी भूल है। बिना धार की कुल्हाड़ी से चाहे जितनी ताकत लगाओ, परिणाम कम ही मिलेगा। जाओ, कुल्हाड़ी की धार तेज करो।"
लकड़हारा गया, कुल्हाड़ी को तेज किया और अगले दिन लौटकर फिर से पेड़ों की कटाई में जुट गया।
शाम को वह दौड़ता हुआ मालिक के पास आया और खुशी से बोला:
"मालिक! कमाल हो गया... आज मैंने 20 पेड़ काटे!"
अब ध्यान से सुनिए...
हम सब इस लकड़हारे की तरह हैं।
हम मेहनत करते हैं, दिन-रात भागते हैं, परेशान होते हैं, थकते हैं... फिर भी सफलता दूर क्यों लगती है?
क्योंकि हम अपनी "कुल्हाड़ी" को धार देना भूल जाते हैं।
और आज के समय में हमारी कुल्हाड़ी क्या है?
हमारा मन, हमारी सोच, हमारी अंतरदृष्टि (Third Eye)।
इसे धार देने का सबसे सशक्त उपाय है – मेडिटेशन और Third Eye Activation।
जब आप थर्ड आई को जागृत करते हैं, तो:
आपकी एकाग्रता बढ़ती है।
आपकी अंदरूनी शक्ति जागती है।
निर्णय लेने की क्षमता तीव्र हो जाती है।
आप चीज़ों को "सतह के पार" देख पाते हैं।
आपकी आत्मा और ब्रह्मांड के बीच का संपर्क मजबूत हो जाता है।
तो एक सवाल खुद से पूछिए...
आप पेड़ काटने में लगे हैं, लेकिन क्या आप अपनी कुल्हाड़ी की धार (अर्थात् मन की शक्ति) को भी तेज कर रहे हैं?
हर दिन कुछ समय निकालिए:
मेडिटेशन करें
श्वास पर ध्यान दें
अपने अंदर झाँकिए
Third Eye Activation की तकनीकों को अपनाइए
जब आपका मन शांत और धारदार होता है, तब आप कम समय में ज्यादा प्रभावशाली निर्णय लेते हैं और आपकी ऊर्जा व्यर्थ नहीं जाती।
याद रखिए:
"व्यस्त होना सफलता की गारंटी नहीं है, लेकिन सजग और धारदार होना जरूर है।"
अब समय आ गया है कि आप भी अपनी मानसिक कुल्हाड़ी की धार तेज करें।
थर्ड आई एक्टिवेशन और गहरी ध्यान साधना से अपने जीवन को नयी दिशा दें।
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