गणितज्ञ रत्नेश कुमार को न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह द्वारा किया गया सम्मानित

"विभाज्यता के महासूत्र" व अन्य गणितीय खोजों हेतु भेंट की गई महामानव गौतम बुद्ध की तस्वीर

मैनपुरी। भोगांव रोड स्थित हाइजीन रेस्टोरेंट के सामने नवनिर्मित देव नर्सिंग होम के शुभारंभ अवसर पर एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया, जब जनपद के प्रतिष्ठित गणितज्ञ रत्नेश कुमार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय न्यायमूर्ति श्री रवींद्र सिंह के कर-कमलों से महामानव तथागत गौतम बुद्ध का चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
यह सम्मान गणित के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, विशेषतः "विभाज्यता के महासूत्र", "दशक नियम", "विभाज्यता के तीव्रतम महासूत्र" तथा "संख्या बटे शून्य" जैसी अत्याधुनिक गणितीय अवधारणाओं की खोज के लिए एवं ए.आर.पी. परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने हेतु प्रदान किया गया।

गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा रत्नेश कुमार के इन तीन शोधपत्रों को कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो विश्व के 181 देशों में मान्य है।

रत्नेश कुमार अपने गणितीय सूत्रों का प्रदर्शन अब तक हिमाचल प्रदेश की चितकारा यूनिवर्सिटी, सीमेट, इलाहाबाद, सहित देशभर के 100 से अधिक इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज व शैक्षणिक संस्थानों में कर चुके हैं। उनका उद्देश्य गणित को सरल, तार्किक, रोचक और व्यवहारिक बनाकर छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध करना है। यह सम्मान उनके सार्वजनिक योगदान और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के प्रति समर्पण की आधिकारिक स्वीकृति है।

इस गरिमामयी अवसर पर संवेदना फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर धर्मवीर सिंह राही तथा प्रदेश प्रभारी श्री सुरेंद्र सिंह यादव ‘नेताजी’ ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं और मानव सेवा के मार्ग पर निरंतर अग्रसर रहने हेतु प्रेरित किया।

मंच पर प्रो. के.सी. यादव, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. दीन मुहम्मद दीन, पूर्व ब्लॉक प्रमुख श्री दलवीर सिंह यादव, समेत अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि बीते कुछ ही दिनों में रत्नेश कुमार को छह अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके पूर्व भी उन्हें कई राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं द्वारा सम्मान प्राप्त हो चुका है।

उनकी गणितीय खोजों से संबंधित समाचार ऑल इंडिया रेडियो, आज तक चैनल, एवं अन्य राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर प्रसारित हो चुके हैं। साथ ही उनके लेख सामान्य ज्ञान दर्पण, प्रतियोगिता दर्पण, पांचजन्य, धम्म देशना आदि जैसी प्रमुख राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं

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