आप झूट बोलना छोड़ दें सारे गुनाह खुद ब खुद आपसे छूट जाएंगे!
आरिफ़ रिज़वी
लखनऊ। झूट चेहरे को सियाह कर देता है झूट रोज़ी को कम करता है यह बात आज यहां राजधानी लखनऊ स्थति दुबगगा रौशनआबाद कालोनी हुसैनी ईमाम्बाड़े में फैज़ाबाद से तशरीफ़ लाये मौलाना वसी हसन खान ने सय्यद अली अहमद काज़मी की बरसी के मौक़े पर मजलिस को ख़िताब करते हुए कही।
मजिलस का एहतिमाम सय्यद अली अहमद काज़मी के सुपुत्र अर्श काज़मी एवं उनके भाइयों द्वारा किया गया था. मौलाना वसी हसन ने एक हदीस का हवाला देते हुए कहा कि ज़िना, चोरी, और झूट यह तीनों बड़े गुनाह हैँ, इसके हवाले से एक मिसाल समझाते हुए कहा कि रसूले ख़ुदा की खिदमत में एक शख्स आया और बोला कि क्या मोमिन से ज़िना कर सकता है आपने फरमाया मुमकिन है, फ़िर उसने कहा क्या मोमिन चोरी कर सकता है फरमाया मुमकिन है फ़िर वो बोला क्या मोमिन झूट बोल सकता है मौलाना ने हदीस की इबारत पढ़ते हुए कहा कि मोमिन झूट बोल ही नहीं सकता।
मौलाना ने कहा बज़ाहिर झूट ज़िना और चोरी के मुक़ाबले बहुत छोटा लगता है मगर यहाँ इस से साफ़ ज़ाहिर हुआ कि झूट हर जुर्म की कुंजी है।
मौलाना ने कहा कि आप झूट बोलना छोड़ दें सारे गुनाह खुद ब खुद आपसे छूट जाएंगे।
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