हमने तो धर्मयुद्ध की तरह युद्ध लड़े -मृदु


सीतापुर (बिसवां)। जनपद के जाने-माने कवि साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु को अविरल साहित्य संस्थान लखनऊ की कविगोष्ठी में मुख्य अतिथि के नाते माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी आशु कवित्व से उपस्थित जनों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। अपने धमाकेदार काव्यपाठ में उन्होंने आपरेशन सिन्दूर पर आधारित रचनाएं सुनाकर सभीको रोमांचित कर दिया व आह्वान करते हुए कहा 

आपरेशन सिन्दूर सा जब हो आपरेशन गद्दार।

तभी हो भारत का उद्धार।।

विदेशी हलाकू कभी हमको हरा न सके, 

पराजित हुए सदा आपस के द्वंद से।

चंद्र गुप्त मौर्य को कृपाण है 

उठानी पड़ी देश हो गया तबाह जब घनानंद से।

हमने तो धर्मयुद्ध की तरह युद्ध लड़े, दूर ही रहे अधर्म वादी छलछंद से।

सत्रह बार गोरी को भगाया मार मार कर, 

किंतु हार गये अपने ही जयचंद से।

अब भी जयचंदों के वंशज उन पर हो जब वार।

तभी हो भारत का उद्धार।।

इसके अतिरिक्त डा अशोक पाण्डे अशोक, डा अलका प्रमोद, प्रतिभा गुप्ता, वर्षा श्रीवास्तव  , अनीता मौर्या नवजात, सरिता वर्मा तरंगिणी,  विशिष्ट अतिथि अनीता श्रीवास्तव, गीतकार संजय सांवरा, ममता परिहार, हास्य कवि संदीप अनुरागी, व्यंग्यकार विजय तन्हा, सहित लगभग 30 कवियों ने काव्यपाठ किया। अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक राम कठिन सिंह ने अपनी संदेशपरक रचनाएं सुनाकर कर मंत्रमुग्ध कर दिया। 

इस अवसर पर वरिष्ठ कवि डा अशोक पाण्डे अशोक व डा अलका प्रमोद को संस्था द्वारा अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, नारियल व सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया।  उपाध्यक्ष प्रतिभा गुप्ता ने सभी का स्वागत किया तथा अविरल सेवा संस्थान की अध्यक्ष डा शोभा दीक्षित भावना ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के महामंत्री डा चंद्रदेव दीक्षित ने किया

Comments

Popular posts from this blog

ग्राम प्रधान, सचिव और चार सदस्य मिलकर लूट रहे पंचायत का सरकारी धन?

सड़क पर जर्जर गाड़ियाँ और खुले में मरम्मत कार्य से जनता परेशान

हर नागरिक का सहयोग हमारा संबल है -सुषमा खर्कवाल