भारतीय वायुसेना ने सीमा पार आतंकी ठिकानों पर किया सटीक हवाई हमला
ऑपरेशन की योजना और निष्पादन
विश्वसनीय खुफिया इनपुट मिलने के बाद, भारतीय वायुसेना ने रणनीतिक स्तर पर हमले की योजना बनाई। ऑपरेशन में अत्याधुनिक विमान व ड्रोन की सहायता से लक्ष्य पर सटीक बमबारी की गई। वायुसेना के जेट्स ने LOC पार कर के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों से जुड़े बताए जा रहे हैं।
भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। उन्होंने पर्यटकों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मार दी थी।
इंडियन आर्मी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद समेत कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। इस कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए भारतीय सेना ने प्रेस ब्रीफिंग की है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से बढ़ रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना था।
रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की पुष्टि हुई है। विदेश सचिव ने आगे कहा कि 25 अप्रैल को मीडिया रिलीज से TRF का संदर्भ हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकवादी हमले ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर कर दिया है।
पहलगाम हमला बेहद बर्बरतापूर्ण –विदेश सचिव
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था, जिसमें पीड़ितों को बहुत नजदीक से सिर में गोली मारकर और उनके परिवार के सामने मारा गया। परिवार के सदस्यों को जानबूझ कर इस तरह से मारा गया कि उन्हें संदेश वापस ले लेना चाहिए।
यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।” विदेश सचिव ने कहा कि यह जरूरी समझा गया कि पहलगाम हमले के साजिशकर्ताओं और साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान की ओर से अपने क्षेत्र में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह ने क्या बताया?
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और नष्ट कर दिया गया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया।
पिछले तीन दशकों में, पाकिस्तान ने व्यवस्थित रूप से आतंकी बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस मे तबाह किए गए आतंकी कैंपों के वीडियो भी दिखाए। इनमें मुरीदके भी शामिल है, जहां 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों। अजमल कसाब और डेविड हेडली ने ट्रेनिंग ली थी।
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में तीन बड़े आतंकी शिविर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, और लगभग 30 से 40 आतंकियों के मारे जाने की संभावना जताई जा रही है। यह ऑपरेशन पूरी तरह रात के अंधेरे में किया गया ताकि दुश्मन की रडार निगरानी से बचा जा सके।
राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की भूमिका
ऑपरेशन की पूरी निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर चरण की जानकारी दी गई, और माना जा रहा है कि अंतिम मंजूरी स्वयं प्रधानमंत्री ने ही दी थी।
सरकारी प्रतिक्रिया
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने अब तक कोई औपचारिक प्रेस ब्रीफिंग नहीं की है, सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस ऑपरेशन को "संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई" बताया है और कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति से पीछे नहीं हटेगा।
पृष्ठभूमि:
पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए हमलों में कई भारतीय नागरिक मारे गये थे इसके बाद देशभर में विरोध और तीव्र प्रतिक्रिया देखी गई। भारत सरकार पर जवाबी कार्रवाई का भारी दबाव था।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तानी मीडिया और सेना की ओर से ऑपरेशन पर कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन सीमा पार सैन्य हलचल बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें भी दक्षिण एशिया की स्थिति पर टिक गई हैं।
जन प्रतिक्रिया:
देशभर में इस कार्रवाई की सराहना हो रही है। सोशल मीडिया पर "ऑपरेशन सिंदूर" ट्रेंड कर रहा है और आम नागरिकों ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और रणनीति की प्रशंसा की है।
"ऑपरेशन सिंदूर" भारत की आतंक के खिलाफ नीतिगत स्पष्टता और सैन्य क्षमता का प्रदर्शन है। यह दिखाता है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, भारत निर्णायक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करता।
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