युद्ध कोई मज़ाक नहीं!
1945 में जैसे ही परमाणु बम फटा, शहर का तापमान एक सेकंड के हज़ारवें हिस्से से भी कम समय में 4000 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था-
यह तापमान कुछ पलों तक रहा, लेकिन पूरे हिरोशिमा शहर और उसके उपनगरों में सभी जीवित चीजें जलकर राख हो गयीं, यहाँ तक कि इमारतें तक भी पिघल गयीं-
बम विस्फोट के एक सेकंड के भीतर, लगभग एक लाख लोग भाप और धुएं में घुल गये, कोई भी जीवित चीज नहीं बचा-
हिरोशिमा पर रहने वाले लोग मिट गये जो बच गये वह सब भी मरने की कामना कर रहे थे-
पूरे देश से संचार टूट गया-
हिरोशिमा पर जो परमाणु बम गिराया गया था, उससे 4000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी निकली, लेकिन इस समय पाकिस्तान और भारत के पास जो परमाणु बम हैं, वह 25000 से 40000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी छोड़ने की शक्ति रखते हैं-
यह खेल सिर्फ़ कुछ सेकंड तक चलेगा और धरती के मैदानों, रेगिस्तानों, जंगलों, पहाड़ों, समुद्रों या नदियों के बहते पानी में कोई भी जीवित चीज़ नहीं बचेगी-
कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं होगी दिखाने के लिये और देखने वाला भी कोई नहीं होगा-
युद्ध कोई मज़ाक नहीं है- वह भी तब जब भारत व पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियार सम्पन्न देश हैं - तथा पाकिस्तान एक गैर जिम्मेदार व अव्यवस्थित देश है- जिससे बन्दर के हाथ उस्तरा जैसी स्तिथी बन चुकी है -
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