खुद को शिक्षित समझने की बिल्कुल भूल ना करें!

अगर आपके भीतर अच्छे को अच्छा व बुरे का बुरा कहने का साहस नहीं है तो खुद को शिक्षित व पुरुष समझने की बिल्कुल भूल ना करें 

बल्कि अपने आपको एक दब्बू व एक पूर्ण चापलूस व्यक्ति समझे चालाक व होशियार कभी नहीं चूंकि शिक्षा गलत लोगों व गलत चीजों का खुलकर विरोध करना सिखाती है 

व्यक्ति को तेज व  मुखर बनाती है ना कि गुलामी के साये में जीना, जी हुजूरी करना, दूसरों के तलवे चाटना व उनके जूतों के फीते बांधना सिखाती है। -हेमन्त कुशवाहा, मेरठ।

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