मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार
- मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार का खुलासा..
- नेत्र सर्जरी टेबल की खरीद में 5.5 लाख रुपये का दुरुपयोग..
मिर्जापुर। मिर्जापुर के स्वायत्तशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में सरकारी धन के दुरुपयोग का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है।भैरो सिंह नेत्र चिकित्सालय के लिए एक नेत्र सर्जरी टेबल और स्टूल की खरीद में 5 लाख 50 हजार रुपये की अनियमितता का खुलासा हुआ है।
इस खरीद में लखनऊ की कंपनी स्मिथ मेडी केयर (32/038, वाल्मीकि मार्ग, लालबाग, लखनऊ, GSTIN: 09ACMES1600G1Z8) शामिल है, लेकिन बिल पर आवश्यक विवरण, जैसे कंपनी का नाम और संपर्क नंबर, गायब हैं, जो भ्रष्टाचार की ओर स्पष्ट इशारा करता है।
खरीद में अनियमितता और संदिग्ध बिल
स्मिथ मेडी केयर द्वारा जारी इनवॉइस (नंबर: SMC/25-26/30, दिनांक: 18 जून 2025) के अनुसार, एक नेत्र सर्जरी टेबल और स्टूल की खरीद 4,66,101.69 रुपये में की गई। इसमें 9% CGST (41,949.15 रुपये) और 9% SGST (41,949.15 रुपये) जोड़कर कुल कीमत 5,50,000 रुपये दर्शाई गई।
यह खरीद GEM पोर्टल (आर्डर नंबर: GEMC-511687765752825, दिनांक: 04 जून 2025) के माध्यम से की गई थी। हैरानी की बात यह है कि देश की प्रतिष्ठित कंपनी अप्पासेमी से समान गुणवत्ता का सामान इस कीमत में पांच की संख्या में खरीदा जा सकता था। बिल पर कंपनी के विवरणों की अनुपस्थिति और अत्यधिक कीमत इस खरीद की प्रामाणिकता पर गंभीर सवाल उठाती है।
मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार
यह मामला मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज में चल रहे भ्रष्टाचार का एक छोटा सा उदाहरण है। सूत्रों के अनुसार, इस तरह की अनियमित खरीदारी और सरकारी धन का दुरुपयोग लंबे समय से जारी है। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध चिकित्सालयों में आवश्यक उपकरणों और दवाओं की कमी के कारण मरीजों का उपचार भगवान भरोसे हो गया है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के मुख्य औषधिक श्रीमती मां विंध्यवासिनी के हस्ताक्षर बिल पर मौजूद हैं, जिससे प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि "अंधेर नगरी, चौपट राजा" की कहावत इस संस्थान पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है।
जांच की मांग और जनता का आक्रोश
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस खरीद में पारदर्शिता की कमी और सरकारी धन के दुरुपयोग की गहन जांच की मांग की है। उनका मानना है कि मेडिकल कॉलेज के समस्त लेखा-जोखा की जांच से बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आ सकता है।
यह घटना न केवल मेडिकल कॉलेज की साख को धूमिल कर रही है, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य और जनता के विश्वास को भी गहरी चोट पहुंचा रही है।
मिर्जापुर मेडिकल कॉलेज में नेत्र सर्जरी टेबल की खरीद में हुई अनियमितता सरकारी धन के दुरुपयोग का स्पष्ट प्रमाण है। यह आवश्यक है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। सरकार और प्रशासन को मेडिकल कॉलेज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित कर मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी, ताकि जनता का विश्वास बहाल हो सके। इस "अंधेर नगरी" को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाना समय की मांग है।
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