उम्मीद का आत्मिक सौन्दर्य है चाँद!
उम्मीद का आत्मिक सौन्दर्य है चाँद!
मंजुल भारद्वाज
रात का हम सफ़र है चाँद
अँधेरे में जला चराग़ है चाँद !
रात की गोद में खेलता
हौंसला है चाँद !
पारम्परिक प्रकाश बिंब के बरक्स
प्रतिकूल हालात में
मन का राज़दार
वफ़ा ऐ नूर से रोशन
उम्मीद का आत्मिक
सौन्दर्य है चाँद!
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