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Showing posts from May, 2025

हादसा इस कदर नहीँ होता!

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बरेली। प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था लेखिका संघ बरेली की काव्य गोष्ठी मंकुश स्कूल महानगर कॉलोनी में आयोजित की गयी जिसकी अध्यक्षता कवियित्री मीरा प्रियदार्शनी ने की तथा मुख्य अतिथि  कवि शायर हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष जी रहे।  गोष्ठी का शुभारम्भ अविनाश अग्रवाल द्वारा माँ शारदे की वंदना से हुआ। तत्पश्चात् गोष्ठी का विधिवत प्रारम्भ हुआ। संस्था की संरक्षक निर्मला सिंह ने अपना गीत पढ़ते हुए कहा कि.. मृग तृष्णा की प्यास बावरे कितनी बार बुझाले। जीवन भर ये नहीँ बुझेगी कितना मन समझाले।" वरिष्ठ गीतकार कमल सक्सेना ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा कि.. हादसा इस कदर नहीँ होता। दर्द दिल में अगर नहीँ होता। मैं तेरे अश्क़ संजो लेता अगर, मेरा दामन जो तर नहीँ होता।" जिस पर सभी ने जोरदार तालियाँ बजाईं। हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष ने अपनी रचना कुछ ऐसे पढ़ी,,, जो कंगूरों के आत्मज हों नींव का इतिहास क्या खाकर गढ़ेंगे। जो स्वयं ही स्वर्ग मृग बनकर विचरते त्याग के दुष्कर ककहरे क्या पढ़ेंगे।" संस्था की अध्यक्ष दीप्ती पांडे नूतन ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा कि. बदलते वक्त की रफ्तार भी रुक जाती है। उसकी आंख भी शर्म से ...

एक सवाल खुद से पूछिए!

कहानी जो आपकी सोच की धार तेज कर देगी... एक समय की बात है, एक बहुत ही ताकतवर लकड़हारा एक लकड़ी के व्यापारी के यहां नौकरी पर रखा गया। काम का माहौल अच्छा था, वेतन भी संतोषजनक था, तो लकड़हारे ने ठान लिया कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देगा। मालिक ने उसे एक तेज कुल्हाड़ी दी और जंगल का वह हिस्सा दिखाया जहाँ उसे पेड़ काटने थे। पहले ही दिन लकड़हारे ने जोरदार मेहनत की और 18 पेड़ काट डाले। मालिक बहुत खुश हुआ और उसे शाबाशी दी। शाबाशी से प्रेरित होकर लकड़हारा अगले दिन और ज्यादा जोश के साथ मैदान में उतर पड़ा। लेकिन उस दिन वह केवल 15 पेड़ ही काट पाया। उसे थोड़ा अजीब लगा, फिर सोचा, कोई बात नहीं, कल और मेहनत करूँगा। तीसरे दिन उसने और भी ज्यादा ताकत लगाई, लेकिन वह हैरान रह गया – अब की बार सिर्फ 10 पेड़ ही काट पाया। दिन-ब-दिन गिनती घटती जा रही थी। उसने सोचा, शायद उसकी ताकत कम हो रही है। हताश होकर वह मालिक के पास गया और बोला: "मालिक, मैं रोज़ पहले से ज्यादा मेहनत करता हूँ, फिर भी पेड़ कम कट रहे हैं। शायद मुझसे अब काम नहीं होगा..." मालिक मुस्कराया और पूछा: "एक बात बताओ, तुमने आखिरी बार अपनी कुल्हाड...

आज के दौर में अखबार चलाना बहुत कठिन काम!

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  प्रिंट मीडिया का अपना अलग  महत्व है -बृजेश पाठक  लखनऊ। आज सहकारिता भवन में बाल जी दैनिक समाचार पत्र के 18 वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।  उन्होंने अपने संबोधन में कहा बाल जी दैनिक समाचार पत्र 18 वर्षों से लगातार कई राज्यों से प्रकाशित हो रहा है। आज के इस दौर में अखबार चलाना बहुत कठिन काम है । अपने देश में अखबार का इतिहास बहुत पुराना है । पहले हाथों से लिखकर अखबार लोगों तक पहुंचाये जाते थे । उसके बाद साइक्लोन स्टाइल से कटकर अखबार बनाए जाते थे। इस तरह अखबार का सफर शुरू होकर आज डिजिटल युग तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा की सोशल मीडिया चाहे जितना महत्वपूर्ण हो गया हो लेकिन प्रिंट मीडिया का आज भी अपना एक अलग महत्व है।    विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने अपने वक्तव्य में समाचार पत्रों के प्रकाशन एवं उनसे जुड़ी शिक्षा पर बोलते हुए कहा पत्रकारिता  आज के दौर में बहुत कठिन हो गई है। पत्रकारों को भी बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है । बहुत सारे आरोप पत्रकारों पर लगाए जा...

गणितज्ञ रत्नेश कुमार को न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह द्वारा किया गया सम्मानित

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"विभाज्यता के महासूत्र" व अन्य गणितीय खोजों हेतु भेंट की गई महामानव गौतम बुद्ध की तस्वीर मैनपुरी। भोगांव रोड स्थित हाइजीन रेस्टोरेंट के सामने नवनिर्मित देव नर्सिंग होम के शुभारंभ अवसर पर एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया, जब जनपद के प्रतिष्ठित गणितज्ञ रत्नेश कुमार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता माननीय न्यायमूर्ति श्री रवींद्र सिंह के कर-कमलों से महामानव तथागत गौतम बुद्ध का चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया। यह सम्मान गणित के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, विशेषतः "विभाज्यता के महासूत्र", "दशक नियम", "विभाज्यता के तीव्रतम महासूत्र" तथा "संख्या बटे शून्य" जैसी अत्याधुनिक गणितीय अवधारणाओं की खोज के लिए एवं ए.आर.पी. परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने हेतु प्रदान किया गया। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा रत्नेश कुमार के इन तीन शोधपत्रों को कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो विश्व के 181 देशों में मान्य है। रत्नेश कुमार अपने गणितीय सूत्रों का प्रदर्शन अब तक हिमाचल प्रदेश की चितकार...

एक सच्चे मित्र का मानक है!

जो आपकी योग्यता को समझता हो. आपकी भावनाओं एवं प्रतिभा की कद्र करता हो. आपकी सोच व आपकी आंखों को पढ़ना जानता हो. आपकी सच्चाई एवं ईमानदारी को समझता हो. आपको खोने से डरता हो. आपके लिए दूसरों से लड़ता  हो. आपकी दिल से प्रशंसा करता हो. आपकी पूरी परवाह करता हो. आपसे पूरा अपनत्व जताता हो. आपसे अपना सबकुछ बताता हो. आपसे कुछ भी ना छुपाता हो. ..और आपके साथ बिना किसी लालच के.. खुल के रहता हो. हेमन्त कुशवाहा ....निःसंदेह यही एक सच्चे मित्र का मानक है जो मित्रता की परिभाषा एवं श्रेणी में आता है इसके विपरीत अगर आपके पास कुछ है तो वो सब जान-पहचान के लोग हैं। जो यकीनन दोहरी चाल के नकाबधारी लोग होते हैं जो बाहर से कुछ और भीतर से कुछ और होते हैं लेकिन आश्चर्य यह है फिर भी हम उनके साथ रहते हैं जानते हो क्यूँ ....  क्यूँ कि आप ऐसे लोगों के साथ रहकर कोई ना कोई अपना काम निकाल रहे होते हैं व अपने स्वार्थ को पूरा कर रहे होते हैं जिनको लोग प्रायः मित्र समझने की एक बड़ी भूल करते हैं। इसलिए इसके अंतर को जानने के लिए ये हमेशा याद रखें कि 'सच्ची मित्रता' बाहरी लोगों के उकसावे से कभी ना तो विचलित होती है न...

हाथी-हाथ एक साथ, सपा का बिगाड़ेगी खेल?

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साइकिल रह जाएगी अकेले..? यूपी में कांग्रेस कर रही दबाव वाली सियासत..! लखनऊ। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का समाजवादी पार्टी के बजाय बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन से अधिक फायदा होने के बयान ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। कांग्रेस और सपा के साथ बसपा के नेता भी इमरान मसूद के बयान के सियासी निहितार्थ तलाशने में जुट गए हैं।  बता दें कि इमरान मसूद आजकल बेबाक तरीके से बोले रहे हैं। इमरान मसूद का बोलना सपा के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने अब यूपी में अपने आप को मजबूत करने के लिए नया प्लान तैयार कर लिया है। कहीं बदलने वाला तो नहीं कांग्रेस का खेल! समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कहते हैं कि कांग्रेस के साथ उनका सब कुछ ठीक चल रहा है,लेकिन जिस तरह कांग्रेस सांसद इमरान मसूद लगातार गठबंधन को लेकर बयान दे रहे हैं, उससे यही लगता है कि कुछ ठीक नहीं चल रहा है।  कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव के की सपा की बातें मानने वाली नहीं है। सियासी तौर से देखा जाए तो इमरान मसूद बिना कांग्रेस की हरी झंडी के इतने तल्ख बयान नहीं दे सकते हैं, वह भी तब जब...

हमने तो धर्मयुद्ध की तरह युद्ध लड़े -मृदु

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सीतापुर (बिसवां)। जनपद के जाने-माने कवि साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु को अविरल साहित्य संस्थान लखनऊ की कविगोष्ठी में मुख्य अतिथि के नाते माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी आशु कवित्व से उपस्थित जनों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। अपने धमाकेदार काव्यपाठ में उन्होंने आपरेशन सिन्दूर पर आधारित रचनाएं सुनाकर सभीको रोमांचित कर दिया व आह्वान करते हुए कहा  आपरेशन सिन्दूर सा जब हो आपरेशन गद्दार। तभी हो भारत का उद्धार।। विदेशी हलाकू कभी हमको हरा न सके,  पराजित हुए सदा आपस के द्वंद से। चंद्र गुप्त मौर्य को कृपाण है  उठानी पड़ी देश हो गया तबाह जब घनानंद से। हमने तो धर्मयुद्ध की तरह युद्ध लड़े, दूर ही रहे अधर्म वादी छलछंद से। सत्रह बार गोरी को भगाया मार मार कर,  किंतु हार गये अपने ही जयचंद से। अब भी जयचंदों के वंशज उन पर हो जब वार। तभी हो भारत का उद्धार।। इसके अतिरिक्त डा अशोक पाण्डे अशोक, डा अलका प्रमोद, प्रतिभा गुप्ता, वर्षा श्रीवास्तव  , अनीता मौर्या नवजात, सरिता वर्मा तरंगिणी,  विशिष्ट अतिथि अनीता श्रीवास्तव, गीतकार संजय सांवरा, ममता परिहार, हास्य कवि...

लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. नागेंद्र मौर्य बने एनसीसी एयर विंग में फ्लाइंग ऑफिसर

लेखराम मौर्य  लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के एप्लाइड इकोनॉमिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नागेंद्र कुमार मौर्य को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), 5 यूपी एयर विंग में फ्लाइंग ऑफिसर का पद प्रदान किया गया है।  एनसीसी ‘सी’ प्रमाण पत्र धारक होने और एनसीसी निदेशालय, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्धारित सभी अपेक्षित मानदंडों को पूरा करने के उपरांत उन्हें यह कमीशन प्राप्त हुआ। डॉ. मौर्य लखनऊ विश्वविद्यालय में 5 यूपी एयर विंग एनसीसी की नव स्थापित इकाई के संस्थापक एसोसिएट एनसीसी अधिकारी (एएनओ) भी हैं। फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में, वे विश्वविद्यालय के एनसीसी एयर स्क्वाड्रन के कैडेटों के प्रशिक्षण और मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय सहित विश्वविद्यालय समुदाय ने डॉ. नागेंद्र मौर्य को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी तथा राष्ट्र की सेवा में भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

आप झूट बोलना छोड़ दें सारे गुनाह खुद ब खुद आपसे छूट जाएंगे!

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झूट हर जुर्म की कुंजी है -मौलाना वसी हसन खान आरिफ़ रिज़वी लखनऊ। झूट चेहरे को सियाह कर देता है झूट रोज़ी को कम करता है यह बात आज यहां राजधानी लखनऊ स्थति दुबगगा रौशनआबाद कालोनी हुसैनी ईमाम्बाड़े में फैज़ाबाद से तशरीफ़ लाये मौलाना वसी हसन खान ने सय्यद अली अहमद काज़मी की बरसी के मौक़े पर मजलिस को ख़िताब करते हुए कही। मजिलस का एहतिमाम सय्यद अली अहमद काज़मी के सुपुत्र अर्श काज़मी एवं उनके भाइयों द्वारा किया गया था. मौलाना वसी हसन ने एक हदीस का हवाला देते हुए कहा कि ज़िना, चोरी, और झूट यह तीनों बड़े गुनाह हैँ, इसके हवाले से एक मिसाल समझाते हुए कहा कि रसूले ख़ुदा की खिदमत में एक शख्स आया और बोला कि क्या मोमिन से ज़िना कर सकता है आपने फरमाया मुमकिन है, फ़िर उसने कहा क्या मोमिन चोरी कर सकता है फरमाया मुमकिन है फ़िर वो बोला क्या मोमिन झूट बोल सकता है मौलाना ने हदीस की इबारत पढ़ते हुए कहा कि मोमिन झूट बोल ही नहीं सकता। मौलाना ने कहा बज़ाहिर झूट ज़िना और चोरी के मुक़ाबले बहुत छोटा लगता है मगर यहाँ इस से साफ़ ज़ाहिर हुआ कि झूट हर जुर्म की कुंजी है। मौलाना ने कहा कि आप झूट बोलना छोड़ दें सारे गुनाह खुद ब खुद आपसे छूट जाएं...

आज युद्ध के मुहाने पर बैठे हुए विश्व को बुद्ध का विचार ही बचा सकता -मृदु

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प्रियंका सिंह   सीतापुर (बिसवां)। भगवान तथागत बुद्ध ने पूरे विश्व को शांति सद्भाव व करुणा का संदेश दिया।  आज युद्ध के मुहाने पर बैठे हुए विश्व को बुद्ध का विचार ही बचा सकता है। यह विचार राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु ने व्यक्त किए।  वे यहां बीपीएस विद्यालय में जिला मौर्य कल्याण समिति द्वारा आयोजित बौद्ध महोत्सव में विशिष्ट अतिथि के नाते संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपनी कविताओं द्वारा सभी को आल्हादित किया। मुख्य अतिथि राजेश कुमार मौर्य डिप्टी कमिश्नर जीएसटी ने शिक्षा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने व उनकी सहधर्मिणी ने मेधावी विद्यार्थियों व समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पुरस्कृत व सम्मानित किया। कोटरा के पूर्व प्रधान सुनील कुमार मौर्य ने महात्मा बुद्ध की जीवनी पर विस्तार से प्रकाश डाला। सुनील मौर्य निवासी सद्दूपुर ने तथागत बुद्ध की शिक्षाओं को रेखांकित किया।   संस्था के संरक्षक निर्भय कुमार मौर्य एडवोकेट ने शिक्षा के साथ ही संस्कारों पर बल देते हुए कहा कि संस्कार विहीन शिक्षा निरर्थ...

कटहल का सरकारी बंगलों से सीधा रिश्ता

कटहल होगा तो सरकारी बंगला होगा और सरकारी बंगला होगा तो कटहल होगा। जितना बडा सरकारी बंगला होगा उतनी ही अधिक तादाद मे कटहल के पेड़ होंगे। और जितना बडा अफसर होगा उसके बंगले पर लगे कटहल उतने ही अधिक ज़ायक़ेदार होंगे।  कटहल की उपस्थिति बताती है कि कोई सरकारी आदमी आसपास पाया जाता है। कटहल या तो किसान पैदा करता है या अफसर। कटहल का मालिकाना हक बस इन दोनो के पास।अंतर इतना भर कि कटहल उगाने के लिए किसान पसीना बहाता है फल आने का इंतज़ार करता है और अफसर लगे लगाए कटहल के पेड़ पाता है और जब मन हो कटहल खाता है।  साहब के भर पेट खाने के बाद बचे सरकारी कटहलों का इस्तेमाल मेलजोल बढ़ाने के लिए होता है।साहब आमतौर पर दोस्तों को ही भेजता है ये। यदा कदा किसी मुँहलगे जूनियर को भी मिल जाते हैं ये और फिर वो अपने साथियों से हफ्तों उनके स्वाद, गुण और दिव्यता की चर्चा करता रहता है। साहब और कटहल से याद आया। नरसिंहपुर की पोस्टिंग के दौरान मुझे मिले सरकारी बंगले मे एक कटहल का पेड़ मौजूद था। जब तक रहे कटहल खाए गए ,जब ट्रांसफ़र हुआ ,उस वक्त भी वह पेड़ कटहलों से लदा था। दरियादिली के आलम मे ,घर मे काम करने वाले बं...

संवैधानिक अधिकारों के बावजूद अपने पदों पर काम नहीं कर रही महिलाएं?

lekhram maurya लखनऊ। जहां एक ओर वर्तमान सरकार द्वारा महिलाओं को आरक्षण दिए जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है जबकि उन्हें आरक्षण कब मिलेगा इसका कोई समय निर्धारित नहीं है। दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी महिलाओं को 50 फ़ीसदी पदों पर आरक्षण दिए जाने की बात कर रही है। अब देखना है कि जनता किसके घोषणा पत्र और किसके बनाए कानून पर भरोसा करती है । संविधान के 73 में संशोधन के जरिए राजीव गांधी की सरकार ने महिलाओं को पंचायतों में 33 फ़ीसदी आरक्षण का अधिकार काफी पहले दे दिया था उसी संशोधन के बाद पंचायतों में लगातार महिलाएं सभी पदों पर चुनाव जीतकर आ रही हैं परंतु ऐसी महिलाओं में से एक दो फ़ीसदी महिलाएं ही स्वयं अपने अधिकार का प्रयोग कर रही हैं बाकी उनके पति पुत्र और परिवार के अन्य सदस्य सभी जगह महिलाओं के अधिकारों पर अतिक्रमण कर रहे हैं। राजधानी की ही बात करें तो प्रधान पद के कुल 491 पदों में से 234 महिलाएं चुनाव जीत कर प्रधान बनी थी जिनमें से करीब 90 महिलाएं ऐसी भी हैं जो हाई स्कूल से परास्नातक तक योग्यता रखती हैं बावजूद इसके वह अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर पा रही हैं। लखनऊ जिले में प्रधान प...

विद्यालय भले बंद हो रहा पर शिक्षा नहीं -कमलेश मौर्य मृदु

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vinod kumar kushwaha  सीतापुर (बिसवां)। हम पढ़ लिखकर आगे बढ़ें और बड़े होकर अपने देश को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभायें। यह विचार बाबा छोटेलाल बाल विद्यालय के प्रबंधक, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु ने व्यक्त किए। वे विद्यालय परिसर में बच्चों को परीक्षा परिणाम वितरण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि विद्यालय भले बंद हो रहा पर शिक्षा नहीं। ग्रीष्मकालीन अवकाश में सभी बच्चे कोर्स किताबी शिक्षा के स्थान पर महापुरुषों की जीवनी पढ़ें, अच्छी प्रेरक कहानियां पढ़ें व अपने आसपास की वस्तुओं वनस्पतियों का अध्ययन करें। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा लतीफ अहमद ने पढ़ने बढ़ने व अपने परिवार व गांव का नाम रोशन करने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने सभी बच्चों को टाफी पेन्सिल रबर व कापी देकर उनका उत्साह वर्धन किया।  विद्यालय के प्रधानाध्यापक अश्विनी कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट ने अतिथियों का स्वागत किया तथा सह व्यवस्थापक रामनरेश मौर्य पुजारी ने आभार प्रकट किया।

ढाई हजार साल पुरानी बुद्ध की अष्टधातु प्रतिमा मिली

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अनुमानित कीमत 10 करोड़़ आंकी गई बुद्ध की प्राचीन मूर्ति सिद्धार्थनगर।  शहर के बीचो बीच छठ घाट की साफ सफाई के दौरान जमुआर नदी से बुद्ध की प्राचीन मूर्ति बरामद हुई है। मूर्ति के ढाई हजार साल पुरानी होने का अनुमान है।  अष्टधातु की इस मूर्ति की कीमत तकरीबन 10 करोड़ आंकी गई है। बरामदगी रविवार दोपहर को हुई। नगरपालिका अध्यक्ष मो. जमील सिदृदीकी जमुआर नदी पर बने घाट की सफाई करवा रहे थे। बताया जाता है कि मजदूर जब नदी में घुस कर उनके किनारों को साफ करने लगे तो उन्हें यह मूर्ति मिली। मौके पर मौजूद अध्यक्ष जमील सिदृदीकी ने मूर्ति देखा तो वह चौंक पड़े।  वह बुद्ध की दो फीट उंची मूर्ति थी और काफी वजनी थी। उन्हें मूति की प्राचीनता और महत्व का अहसास हुआ तो फौरन इसकी खबर प्रशासन को दी गई। प्रशासनिक अमला आनन फानन में घाट पर पहुंच गया। अनुमान है कि उक्त मूर्ति नदी में बह कर आई होगी। जिले में गौतमबुद्ध के पिता की राजधानी प्राचीन कपिलवस्तु नदी से जुड़ी है। दरअसल कपिलवस्तु बजहासागर के पास है।  बजहा सागर का पानी जमुआर नदी में गिरता है। इसलिए संभव है कि बुद्ध के पुरातात्विक क्षेत्र से मूति नदी मे...

बुर्जुग धरोहर हैं!

 बुजुर्ग  -मंजुल भारद्वाज  घर, समाज, देश, दुनिया  बुजुर्गों के अनुभव और आशीष पर फलती-फूलती है  बिना उनके आशीष के  हो तो सब सकता है  पर अधूरा अधूरा लगता है  सुकून नहीं मिलता! आज भी सब अपने बुजुर्गों की याद में विभोर हो जाते हैं  अपने दादा दादी नाना नानी के किस्सों  कहानियों, जीवन अनुभूतियों की यादों में भीग  रोमांचित हो जाते हैं! खुमारी हम सब को घेरे लेती है कई कागज़ की नाव में बैठकर जीवन नैया पार कर जाते हैं  बुजुर्गों की झुरियां में  सदियां नाप जाते हैं! बुर्जुग धरोहर हैं  ज्ञान, विज्ञान और विवेक की  ओर छोर हैं संस्कृति  संस्कार की! पर क्या इतनी ही है  बुजुर्गों की दास्तान या जैसे दीया स्वयं जलकर प्रकाश देता है  पर उसके नीचे हमेशा  अंधेरा कायम रहता है  क्या ऐसा ही अंधेरा नहीं है  हमारे बुजुर्गो के आसपास! आज बढ़ते  वृद्धाश्रम   क्या इस अंधेरे का प्रमाण नहीं हैं? कौन रह रहा है  इन  वृद्धाश्रमों में  अमीर या गरीब शिक्षित या अनपढ़? थकी,बोझिल,धुंधलाती आंखों ...

हर नागरिक का सहयोग हमारा संबल है -सुषमा खर्कवाल

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मेरी प्राथमिकता है – स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ लखनऊ -सुषमा खर्कवाल आज नगर निगम स्मार्ट सिटी सभागार में लखनऊ मेयर सुषमा खर्कवाल ने बैठक की.. लखनऊ। नगर आयुक्त गौरव कुमार एवं सभी संबंधित अधिकारियों के साथ लखनऊ शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। मेयर सुषमा खर्कवाल ने बैठक में निर्देशित किया गया। सभी जोनल अधिकारी वार्ड वाइज सफाई कार्यों का नियमित रजिस्टर प्रस्तुत करें। लायन एनवायरो कंपनी अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण करे व डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में तेजी लाए।  नाले-नालियों की समयबद्ध सफाई की जाए, विशेषकर वर्षा ऋतु को देखते हुए।  सफाईकर्मियों को समय पर यूनिफॉर्म व संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। नागरिकों की शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण समाधान हो।

समर कैंप बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध हो रहे!

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समर कैंप के तीसरे दिन बीईओ व जिला समन्वयक ने विद्यालयों का किया निरीक्षण वशिष्ठ मौर्य देवरिया। बेसिक शिक्षा विभाग देवरिया के तत्वावधान में आयोजित समर कैंप के तीसरे दिन खंड शिक्षा अधिकारी बरहज राज किशोर सिंह एवं जिला समन्वयक ज्ञानेंद्र सिंह ने कंपोजिट विद्यालय डेईडीहा तथा कंपोजिट विद्यालय महेन का निरीक्षण किया।  निरीक्षण के दौरान सबसे पहले खंड शिक्षा अधिकारी श्री सिंह कंपोजिट विद्यालय डेईडीहा पहुंचे, जहां बच्चों ने योग, रंगोली निर्माण, नृत्य कला, बैडमिंटन, कैरम बोर्ड, शतरंज और लूडो जैसी विभिन्न खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।  खंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला समन्वयक ने स्वयं बच्चों के साथ बैडमिंटन व लूडो खेलकर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समर कैंप बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इस अवसर पर बच्चों को नाश्ते में हलवा वितरित किया गया। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान सहित राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित आदित्य नारायण गुप्ता, दीपक जायसवाल, हेमंत शुक्ला, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका, समस्त शिक्षण स्टाफ, शिक्षामित्र, अनुदेशक एव...

अच्छी किस्म, सही तैयारी और समय पर देखभाल से लहराएगी आम की फसल

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वशिष्ठ मौर्य देवरिया। जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव ने जानकारी दी कि आम की सफल बागवानी के लिए सबसे पहला कदम अच्छी किस्म के पौधों का चयन और उनकी तैयारी है। इसके बाद खेत को गहराई से जोतकर समतल करना चाहिए और 1 मीटर लंबा, चौड़ा और गहरा गड्ढा खोदकर उसमें सड़ी गोबर की खाद मिलानी चाहिए। यदि खेत में दीमक की समस्या हो तो क्लोरपायरीफॉस पाउडर का उपयोग करना लाभकारी होता है।  आम के पौधों की रोपाई के लिए वर्षा ऋतु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इस समय पौधों को मिट्टी सहित सावधानी से निकालकर गड्ढों में रोपना चाहिए और आसपास की मिट्टी को दबाकर सिंचाई के लिए थाली बनानी चाहिए। पौधों की नियमित देखभाल भी जरूरी है। विशेष रूप से युवा पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। समय-समय पर खाद और उर्वरकों का प्रयोग करने के साथ-साथ खेत से खरपतवार हटाना तथा कीटों और बीमारियों से पौधों की सुरक्षा करना भी जरूरी है।  पौधों को उचित आकार देने के लिए पूनिंग की जानी चाहिए। जब आम पूरी तरह पक जाएं, तब उनकी कटाई कर उचित तरीके से उनका भंडारण करना चाहिए। उन्होंने बताया कि आम की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली भूमि और ...

लखनऊ जोन 6 के अधिकारियों की मिलीभगत से फल-फूल रहा अवैध निर्माण ?

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Vishesh Samvaddata लखनऊ। विकास प्राधिकरण (LDA) के प्रवर्तन जोन 6 में भ्रष्टाचार का नंगा नाच चल रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण का धंधा फल-फूल रहा है।  आपको बताते चलें कोतवाली अमीनाबाद के मोहन मार्केट अमीनाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र मोहन मार्केट बाएं हाथ खुलेआम  कमर्शियल दुकाने बनवाई जा रही हैं खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहा हैं, और माननीय मुख्यमंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। एलडीए के जोन 6 के अधिकारी अपनी जेबें भरने में मशगूल हैं, और निर्माण कर्ता को संरक्षण दे रहे हैं। ये अधिकारी जनता के सेवक नहीं, बल्कि भक्षक बन गए हैं।  निर्माणकर्ता दिन-रात अवैध निर्माण में जुटे हैं, इस अवैध निर्माण मे बिना मानचित्र बिना कम्पउंडिंग फीस जमा किए बनाया जा रहा है, यह अवैध  दुकानने जो कि मानक के विपरीत है, एलडीए  के जोन 6 के अधिकारियों के भ्रष्टाचार का जीता-जागता सबूत है।  ये अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं, और एलडीए की प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला रहे हैं। अब देखना ये होगा कि  ज़ोनल अधिकारी इस निर्माण पर ...

.. इस देश भक्ति के बदले उसे क्या मिला?

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सम्मान से पेट नहीं भरता..? आईये आज और एक "छिपे हुये कोहिनूर" की दास्तान और एक सड़ी हुई व्यवस्था,  मरी हुई कौम, गलीच,  स्वार्थी और भ्रष्टाचारी लोगों की वजह से एक जिंदगी कैसे बर्बाद हो रही है। दास्ताँ पढिए... जबसे मैंने मुंबई की "देविका रोटवान" के बारे में पढ़ा है। तबसे सिस्टम और उसके हरामी नौकरशाही से नफरत दस गुना बढ़ गयी है... देविका रोटवांन वही लड़की है.. जिसकी गवाही पर “कसाब” को फांसी हुई थी... आइये आज इनकी दर्दनाक कहानी...  आपको बता दें की “देविका” मुंबई हमलों के दौरान महज 9 साल की थी... उसने अपनी आँखों से कसाब को गोली चलाते देखा था... लेकिन जब उसे सरकारी गवाह बनाया गया तो उसे पाकिस्तान से धमकी भरे फोन कॉल आने लगे, देविका की जगह अगर कोई और होता तो वो गवाही नहीं देता।  लेकिन इस बहादुर लड़की ने ना सिर्फ कसाब के खिलाफ गवाही दी बल्कि सीना तान के बिना किसी सुरक्षा के मुंबई हमले के बाद भी 5 साल तक अपनी उसी झुग्गी झोपड़ी में रही। लेकिन इस देश भक्ति के बदले उसे क्या मिला? लोगों ने साथ तक नही दिया। आपको बता दें कि “देविका रोटवान” जब सरकारी गवाह बनने को राजी हो गयी तो उसके...

बंद फर्म के नाम पर लाखों का भुगतान?

सरकारी विभागों को गुमराह कर प्राप्त की गई धनराशि.. जीएसटी भी नहीं किया जमा.. साझेदार पर गंभीर आरोप.. अयोध्या। एक बंद विद्युत ठेकेदारी फर्म के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान प्राप्त करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। फर्म के एक पूर्व साझेदार श्री सुशील कुमार दूबे पर आरोप है कि उन्होंने विभागों को गुमराह कर वर्षों तक कार्य किया और फर्म के नाम पर भुगतान प्राप्त कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘प्रकाश इलेक्ट्रिकल्स, मलिकपुर डाभासेमर फैजाबाद अयोध्या’ नामक फर्म वर्ष 2015 में हृदय राम मौर्य एवं सुशील कुमार दूबे के संयुक्त साझेदारी में गठित की गई थी। यह फर्म वर्ष 2018 में विद्युत सुरक्षा निदेशालय उत्तर प्रदेश द्वारा प्रदत्त ‘क’ श्रेणी लाइसेंस (संख्या: थर््क्.180) तथा वर्ष 2019 में जीएसटी संख्या 09।।व्थ्च्6261र्म्1ल् के निरस्तीकरण के साथ औपचारिक रूप से बंद हो चुकी थी। शिकायतकर्ता हृदय राम मौर्य द्वारा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तर प्रदेश को भेजे गए पत्र के अनुसार, फर्म बंद होने के बावजूद श्री दूबे द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21, 2022-23 एवं 2023-24 में लोक ...

दो दिनों से लटक रहा, दवा वितरण कक्ष में ताला

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जिला अस्पताल नई बिल्डिंग में स्थापित दवा वितरण कक्ष में लगातार दो दिनों से लटक रहा है ताला,  मरीज हो रहे परेशान.. Ravi Maurya अयोध्या। जिला चिकित्सालय के नई बिल्डिंग में स्थापित दवा वितरण कक्ष में लगातार दो दिनों से लटक रहा ताला मरीज हो रहे परेशान अस्पताल प्रशासन की लापरवाही आ रही सामने दवा वितरण कक्ष पर नहीं चश्मा है कोई नोटिस । मरीज दवा लेने के लिए हो रहे परेशान, जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में स्थित दवा वितरण कच्छ में ताला बंद होने के चलते आंख, नाक, कान, गला रोगियों  के डॉक्टरों द्वारा लिखी जा रही दवाइयां के लिए मरीजों को हो रही काफी परेशानी। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ए के सिन्हा से बात करने पर नहीं मिला स्पष्ट जवाब, प्रभारी ने बताया चाभी लेकर गायब है दवा वितरक इसीलिए नहीं खुल पाया दवा वितरण कक्ष का ताला। जिला चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे मरीज, जहां प्रदेश सरकार मरीजों को चिकित्सालय में निशुल्क चिकित्सा एवं सुगम व्यवस्था देने का वादा किया  जा रहा है वहीं दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय अयोध्या में रोगियों के प्रति गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है।

..आखिर क्यों UPPCL के वितरण निगम घाटे में गए?

अनुभवहीन महाज्ञानी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने छीने कर्मियों के लोकतांत्रिक अधिकार लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और विद्युत वितरण निगमो में सर्वोच्च प्रबंधन में नियम विरुद्ध बैठे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा संचालित वितरण निगम व पावर कॉरपोरेशन जिसको निजी हाथों में सौंपने के लिए गए एकतरफा फैसले के विरुद्ध वितरण निगम में कार्यरत समस्त कर्मचारी धीरे धीरे विरोध में उतर आए हैं।  विगत 2017 से यानि कि जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई तब से यह दूसरी बार है कि विद्युत विभाग को निजी हाथों में सौंपने की कोशिश इन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा की जा रही है ।  इससे पूर्व जब कुछ शहरों के ही निजीकरण की बात इन बड़का बाबूओ द्वारा की जा रही थी तब भी विरोध हुआ था फिर समझौता हुआ माननीय उच्च न्यायालय में लिख कर दिया गया कि निजीकरण की कोई नीति नहीं है व केन्द्रीय एजेंसियों के माध्यम से हिसाब किताब की जांच कराई जाएगी यानि आडिट।  परन्तु आज तक ना समन्वय समिति की कोई मीटिंग हुई ना हिसाब किताब की जांच. परन्तु इस बार दो दो वितरण निगमो के...